ओशो आचार्य रजनीश
ओशो: आचार्य रजनीश का साम्राज्य बनने और बिखरने की कहानी। ओशो रजनीश, जिन्हें "भगवान श्री रजनीश" और बाद में "ओशो" के नाम से जाना गया, एक प्रसिद्ध भारतीय आध्यात्मिक गुरु, विचारक और लेखक थे। उनका जन्म 11 दिसंबर 1931 को मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के कुचवाड़ा गांव में हुआ था। उनका असली नाम "चंद्र मोहन जैन" था। बचपन से ही वे गहरे चिंतनशील और स्वतंत्र विचारों के व्यक्ति थे, और उन्होंने अपने जीवन में विभिन्न धार्मिक, सामाजिक और राजनीतिक परंपराओं पर गहरा प्रभाव डाला। प्रारंभिक जीवन और शिक्षा: ओशो’ का अर्थ है वो शख़्स जिसने अपने आपको सागर में विलीन कर लिया हो. उन्हें दुनिया से गए लगभग 33 वर्ष हो चुके हैं लेकिन आज भी उनकी लिखी किताबें बिक रही हैं, उनके वीडियो और ऑडियो सोशल मीडिया पर आज भी ख़ूब देखे-सुने जाते हैं। ओशो में लोगों की दिलचस्पी इसलिए भी जगी क्योंकि वो किसी परंपरा, दार्शनिक विचारधारा या धर्म का हिस्सा कभी नहीं रहे. 11 दिसंबर, 1931 को मध्य प्रदेश में जन्मे ओशो का असली नाम चंद्रमोहन जैन था। वसंत जोशी__ ओशो की जीवनी ‘द ल्यूमनस रेबेल लाइफ़ स्टोरी ऑफ़ अ मैवरिक मिस...