कौन है जॉर्ज सोरोस

 कौन है जॉर्ज सोरोस वर्तमान में सोनिया गाँधी और कांग्रेस से कैसे संबंधित हैं क्या है मामला विस्तार से। 

जॉर्ज सोरोस कौन हैं?

जॉर्ज सोरेस एक प्रसिद्ध अमेरिकी व्यवसायी और निवेशक हैं, जिनका जन्म 1930 में हंगरी के बुडापेस्ट में हुआ था। वे दुनिया के सबसे अमीर व्यक्तियों में से एक माने जाते हैं। सोरेस ने लंदन स्कूल ऑफ इकॉनोमिक्स से पढ़ाई की और 1956 में अमेरिका चले गए। उन्हें अपने धन का उपयोग करके सरकारों को अस्थिर करने के लिए जाना जाता है, और उनके खिलाफ कई विवाद उठ चुके हैं, जैसे कि 1997 में थाईलैंड की करेंसी पर सट्टा लगाना और बैंक ऑफ इंग्लैंड को बर्बाद करने का आरोप ।

 जॉर्ज सोरोस के एनजीओ का नाम

जॉर्ज सोरेस का एक प्रमुख एनजीओ है, जिसे "ओपन सोसाइटी फाउंडेशन" (Open Society Foundations) कहा जाता है। यह संगठन विभिन्न सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर काम करता है, जैसे मानवाधिकार, लोकतंत्र, और न्याय प्रणाली में सुधार।

फिलैंथ्रॉपी और पॉलिटिक्स

ओपन सोसाइटी फाउंडेशन के माध्यम से, जॉर्ज सोरोस ने दुनिया भर में लोकतंत्र, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने वाली पहलों के लिए $32 बिलियन से अधिक का दान दिया है. उनके फाउंडेशन ने साम्यवाद के बाद के यूरोप में सिविल सोसाइटी प्रोजेक्ट्स के साथ-साथ संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य जगहों पर प्रोग्रेसिव मूवमेंट्स को फंड किया है. सोरोस सत्तावादी शासन, आय असमानता और जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भी मुखर रहे हैं. हालांकि, विरोधियों का तर्क है कि जॉर्ज सोरोस अपनी दौलत का इस्तेमाल पॉलिटिकल नैरेटिव गढ़ने और फिलैंथ्रॉपी की आड़ में संप्रभु सरकारों को कमजोर करने के लिए करते हैं।

एनजीओ को फंडिंग का आरोप

जॉर्ज सोरोस के ओपन सोसाइटी फाउंडेशन (OSF) पर भारत में सरकारी नीतियों का विरोध करने वाले एनजीओ और एक्टिविस्ट की फंडिंग करने का आरोप लगता रहा है. उनके आलोचकों का आरोप है कि सीएए और 2020 के कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शनों के लिए सोरोस की संस्था ने फंडिंग मुहैया कराई थी. भारत की एजेंसियों ने ओएसएफ से संबंध रखने वाले संदिग्ध एनजीओ की जांच की है और उन पर 'राष्ट्र-विरोधी' गतिविधियों के माध्यम से देश को अस्थिर करने का आरोप लगाया।

अलगाववादी आंदोलनों को समर्थन

कुछ भारतीय टिप्पणीकारों और दक्षिणपंथी समूहों ने दावा किया है कि जॉर्ज सोरोस की फंडिंग अप्रत्यक्ष रूप से अलगाववादी आंदोलनों का समर्थन करती है, जिसमें खालिस्तान राज्य की वकालत करने वाले लोग भी शामिल हैं. हालांकि, कोई प्रत्यक्ष सबूत इन दावों का समर्थन नहीं करता है, लेकिन आरोपों ने जॉर्ज सोरोस की छवि भारत के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेपकर्ता के रूप में गढ़ दी है।

सोनिया गांधी का जॉर्ज सोरोस से संबंध

हाल ही में, भारतीय राजनीति में जॉर्ज सोरेस और सोनिया गांधी के बीच संबंधों को लेकर विवाद उठ रहा है। भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने आरोप लगाया है कि सोनिया गांधी का संबंध जॉर्ज सोरेस फाउंडेशन द्वारा वित्तपोषित एक संगठन "फोरम ऑफ डेमोक्रेटिक लीडर्स इन एशिया पैसिफिक" (FDL-AP) से है। भाजपा का दावा है कि यह संगठन कश्मीर के स्वतंत्र राष्ट्र के विचार का समर्थन करता है और सोनिया गांधी इसके सह-अध्यक्ष हैं ।

बीजेपी का कांग्रेस पार्टी पर आरोप

भाजपा ने लगातार जॉर्ज सोरोस को कांग्रेस पार्टी से जोड़ा है और आरोप लगाया है कि उसके नेता, खासकर राहुल गांधी, भारत को अस्थिर करने के सोरोस के एजेंडे के साथ जुड़े हुए हैं. भाजपा का दावा है कि कांग्रेस पार्टी जिन मुद्दों को लेकर भारत सरकार की नीतियों की आलोचना करती है, वे कथित तौर पर सोरोस फंडेड संस्थाओं द्वारा प्रचारित-प्रसारित किए जाने वाले इंटरनेशनल नैरेटिव से मेल खाती है. राहुल गांधी को 'उच्च दर्जे का गद्दार' करार देकर भाजपा ने घरेलू राजनीतिक असहमति को विदेशी हस्तक्षेप से जोड़ने की कोशिश की है, और जॉर्ज सोरोस को इस कथित साजिश का एक प्रमुख खिलाड़ी बताया है

 वर्तमान में बयानबाजी का कारण

हाल ही में संसद में जॉर्ज सोरोस के नाम पर हंगामा हुआ, जब भाजपा ने आरोप लगाया कि सोरेस और गांधी परिवार के बीच संबंध हैं और वे भारत के खिलाफ साजिश रच रहे हैं। भाजपा का कहना है कि राहुल गांधी सोरोस से मिलकर अदाणी मुद्दे को उठाकर देश की अर्थव्यवस्था को अस्थिर करना चाहते हैं। कांग्रेस ने इन आरोपों को सिरे से खारिज किया है, लेकिन इस मुद्दे ने संसद में काफी विवाद उत्पन्न किया है और चर्चा का विषय बना हुआ है ।

 निष्कर्षतः 

जॉर्ज सोरोस एक विवादास्पद व्यक्तित्व हैं, जिनका नाम हाल ही में भारतीय राजनीति में सोनिया गांधी के साथ जोड़ा गया है। भाजपा के आरोपों के चलते यह मामला और भी गर्म हो गया है, जिससे संसद में भी हंगामा हुआ है

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