वर्धन वंश के बाद कन्नौज के राजवंश

 कन्नौज का वर्धन वंश के बाद के राजा व उनकी नीति कार्य का विस्तार 

परिचय 

कन्नौज भारतीय इतिहास का एक महत्वपूर्ण केंद्र रहा है, जहाँ विभिन्न वंशों ने शासन किया। यहाँ हम पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट और सेन वंश के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे।


1. पाल वंश

पाल वंश का उदय 8वीं शताब्दी में हुआ। इस वंश के सबसे प्रसिद्ध शासक धर्मपाल थे, जिन्होंने कन्नौज को महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और शैक्षणिक केंद्र बना दिया। पाल शासकों ने बौद्ध धर्म का समर्थन किया और अनेक बौद्ध विश्वविद्यालयों की स्थापना की, जैसे नालंदा। इस वंश का शासन 12वीं शताब्दी तक चला।


 विशेषताएँ:

सांस्कृतिक विकास:

पाल काल में कला और साहित्य का विकास हुआ। 

धार्मिक सहिष्णुता:

 इन शासकों ने बौद्ध धर्म के साथ-साथ हिन्दू धर्म का भी सम्मान किया।


2. प्रतिहार वंश

प्रतिहार वंश ने 8वीं से 11वीं शताब्दी तक कन्नौज पर शासन किया। इस वंश के शासक कन्नौज के महानतम सम्राटों में से एक मिहिर भोज थे। प्रतिहारों ने अरब आक्रमणकारियों के खिलाफ भारतीय भूमियों की रक्षा की।


 विशेषताएँ:

सैन्य बल:

प्रतिहारों की सैन्य शक्ति ने उन्हें अन्य वंशों के खिलाफ मजबूती प्रदान की।

कला और वास्तुकला:

 प्रतिहार काल में कई मंदिरों और वास्तुकला के अद्भुत उदाहरण मिले हैं, जैसे खजुराहो के मंदिर।

 3. राष्ट्रकूट वंश

राष्ट्रकूट वंश का उदय 6वीं शताब्दी में हुआ। इनका शासन कन्नौज के साथ-साथ दक्कन क्षेत्र में भी फैला हुआ था। राष्ट्रकूटों ने कन्नौज पर अधिकार प्राप्त कर लिया और इसे एक महत्वपूर्ण सांस्कृतिक केंद्र बना दिया।


 विशेषताएँ:

साहित्यिक योगदान:

राष्ट्रकूट शासकों ने संस्कृत और प्राकृत में अनेक ग्रंथों की रचना की।

-शिल्प और स्थापत्य:

इस वंश के दौरान भेड़ल मंदिर जैसे अद्भुत शिल्प कार्य हुए।

4. सेन वंश

सेन वंश ने 12वीं शताब्दी में कन्नौज में अपनी शक्ति स्थापित की। इनका शासन मुख्य रूप से बंगाल और बिहार में था, लेकिन कन्नौज में भी इनका प्रभाव रहा। सेन शासकों ने हिन्दू धर्म और संस्कृति को पुनर्जीवित करने की कोशिश की।

विशेषताएँ:

धार्मिक नीतियाँ:

 सेन वंश ने वैष्णव धर्म को प्रोत्साहन दिया।

सांस्कृतिक समृद्धि:

इस वंश के दौरान कन्नौज में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए।

 निष्कर्ष

कन्नौज का इतिहास विभिन्न वंशों के उत्थान और पतन से भरा हुआ है। पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट और सेन वंश ने न केवल कन्नौज की राजनीतिक परंपराओं को प्रभावित किया, बल्कि यहाँ की सांस्कृतिक और धार्मिक गतिविधियों में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इन वंशों के शासनकाल ने कन्नौज को भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण स्थान दिलाया।

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